लेखनी कहानी -07-Feb-2023 तेरा होने लगा हूं

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गुलाबी होठों से छूकर जो उसने दिया गुलाब  महक से उसकी मैं सुधबुध खोने लगा हूं  पिलाई उसने मस्ती में जो आंखों से शराब  नशे के सागर में खुद को डुबोने ...

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